पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/६३२

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१५॥ मिग्रवन्धुविद। [सं अः। बियर--- । माम–११५५१) पी पी । अन्य--रामंजरी। विपर--(ध्या में मदत, रामानुज सैन्नदाय के थे। माम–११५५२) मियादा । (गपपिभी संप्रदाय । अ--4) प्रियदा पी पा, १९}पदा , (३) सैया- पयः (४) तिथि , ५ मापापपत्रम। विवर--कतामा र शी नाधे । दाई पञ्चम में रदते थे फिर पृन्दावन में रहने छ । नाम: (१५५३) भैमध्यराखे। । मन्द न्या भाग्य माया ।

  • मरि–११५५४) नेवनाप इन्दाघल्ली।

न्य-पदावली (पृ. २६६ प । वियर- वैरी हैं। आपकी समा6 रियासत पपा दी है। नाम-११५५५) फनैइसिंह। नाम--(१५५६) फूडी घाई, उपनाम अननादास । ” अन्य-कूली घाई की पर म–११५५७) फेर