पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/९४

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मिश्रकशुचिनार । [६०११ वियर–प्राश्रयदाता महाराजा गजसिंह। नाम-१४३१) प्रयोकपिरायो । जन्म-का-१६८। रचनापाट–६७२० । चिषर-साधरण थे । नाम-(४३२) विलेकसि । अन्य समाप्तफाश। चिनकाल–२० के उगम | वियर–नथे म । नाम-(४३३) रामचन्द्र सार्की बनारस याखे। अन्ध–() रायविनाद, (३) चरित्र । रचनाकाल-१७६०। विपरप-जन कवि । पद्मगि ३ शिष्य। इसी नाम के एक मिथ कवि में १६२० में नंः (१) नाम का प्रन्थ रचा था, पर ये देने पृथक् पृथक हैं। नार्म (४३१) सकल। जन्म-बल-१६९० । रचनाका--१७२० [. बिवर साघारग्य में । नाम-(४३५) हरिजन । झम-का-१५० । रचनाका-१७२० ।