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प्राचीन कविगण
नाम-( २२१/५८ ) कालिकाप्रसाद, डिहमौरा,ज़िला सारन ।
 
ग्रंथ-सियास्वयंवर । द्वि० चै० रि०।
 
कविता-काल-सं० १९५२ के पूर्व ।
 
नाम-(२२७/१६) रामदयाल पांडेय

'रामानंद', शहर

इटावा।
 
जन्म-काल-सं० १८१८ ।
 
कविता-काल-सं० १६२७ ।
 
मृत्यु-काल--सं० १६६६-७० ।
 
ग्रंथ-(1) कवायद की किताब ( छंदोबद्ध ), (२) भगवद्गीता (छंदोबद्ध), (३) रामचरित-मानस (छंदोबद्ध अनुवाद), (४) स्फुट रचनाएँ।
 
विवरण-श्राप ग्वालियर की फ़ौज में सूबेदारी के पद पर थे। ( लाला रघुनंदनसिंह, इटावा द्वारा ज्ञात)।
 
उदाहरण-
 
ह्रस्वाक्षरी छंद

ब्रज पर चढ़-चढ़ सघन गगन धन,
     उमड़-उमड़ गरजत बरसत जल ।
चलत पवन अति प्रबल प्रलय-सम,
     डरत नरत मन तरुवर भल-भल ।
चम-चम चमक-चमक चम चमकत,
     थर-थर कॅंपत धरणि तरुवर हल ।
तब (१) महँ नख पर परवत धरकर,
     हरत सकल थव दरदन चल-चल ।

नाम-( २२२/५८ ) दलथंभनसिंह ( द्विजदास ), हथिया, सीतापुर।
 
जन्म-काल---सं० १६०३ ।