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मिश्रबंधु
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प्राचीन कविगण


 भोजन सुअन्न, घृत, गोरस के अंग माहि,
    कविता के आनँद में समय बितावनो,
रहनो निरोग जैगोविंद सतसंगति में,
    एते देहिं बात पुनि और नाहिं चावनो।

नाम---( २४/२५७ ) नौरंगोलाल चौधरी 'नंददास', कहलगाँव,जिला भागलपुर (बिहार)।
 
जन्म-काल-सं० १६२० ।
 
रचना-काल-सं० १६४० के लगभग ।
 
मृत्यु-काल-सं० १६७६ ।
 
ग्रंथ--(३) जगन्नेत्र, (२)नंद-सागर, (३)श्रीहरिनामाष्टकम् ।
 
विवरण- -- यह कान्यकुब्ज ब्राह्मण पं० गदाधरनाथ चौधरी के पुत्र थे। [श्रीयुत श्रीनाथ चौधरी, लगरामपुर (भागलपुर) द्वारा ज्ञात ।
 
नाम--( २४/१६० ) रामनाथ रत्नुचारण, नेतवाचारण राज्य जयपुर।
 
ग्रंथ-राजस्थान का इतिहास ।
 
मृत्यु-काल-सं० १९६५ के लगभग ।
 
विवरण--यह सीकर-निवासी तेजमलजी रस्तुचारण के थे इन्होंने जयपुर, जोधपुर तथा किशुनगढ़-राज्यों में ऊँचे-ऊँचे पदों पर रहकर संस्थानिक काम किए हैं। यह महाशय अंगरेजी तथा हिंदी के अच्छे ज्ञाता थे। आपका 'राजस्थान का इतिहास' एक महत्त्व पूर्ण ग्रंथ है । [ठाकुर चतुरसिंह राष्ट्रवर, बीकानेर कर द्वारा ज्ञात ] ।
 
नाम-(२४/११६ ) लाख कवि, दतिया ।
 
जन्म-काल-अनुमानतः सं० १६१० ।
 
कविता-काल- -सं० ११४०।
 
विवरण-जाति के धीवर थे।
 

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