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मिश्रबंधु
अज्ञात काल १३१
नाम--(३४३८) मौड़जी,मलिया गाँव के ठाकुर साहब ।
ग्रंथ---पोस्त-पचीसी।
विवरण--आप यदुवंशी थे। उक्त अंथ अफ़ीमचियों के लिये रचा गया है।
उदाहरण----
जे ही दुखकारी याकु मानते हो सारी तुम,
दिल में विचारि देखो कैसी यह सारी है;
नाक मुख वारी जारी रेत ना उघारी आँख,
सुस्त मन भारी उठे हिम्मत बिसारी है।
रंजन जो नारी लागे थोड़े दिन प्यारी वह,
पाछे देत गारी अंत विष-सम खारी है;
कहत पुकारी सुनु अरज हमारी साँझ,
अफ्रिम की यारी सारे भौन की खुवारी है ।
नाम--(३४३६)मंगलदास महंत,सिहोर-राज्य भावनगर, (काठियावाड़)।
ग्रंथ-शिव-विलास।
नाम--(३४४०) रघुनाथ, जूनागढ।
ग्रंथ-(१)बेट-बावनी,(२) बाल-लीला।
विवरण-आप बड़नगरा नागर ब्राह्मण थे।
नाम--(३४४१) रसरंगमणि।
ग्रंथ-श्रीसरयूरसरंगलहरी।
नाम-(३४४२) रसराशि उपनाम रामनारायण,जयपुर।
ग्रंथ-(१) कवित्त-रलमाला,(२) रसिक-पचीसी।
विवरण-आप जयपुराधीश महाराजा प्रतापसिंहजी के सम- कालीन थे।