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मिश्रबंधु

सं० १९४६ पूर्व नूतन और हिंदी के उपकारी थे। आप महाराष्ट्र ब्राह्मण थे, और महाराष्ट्र-विद्या के रन हिंदी में लाने का प्रयत्न करते थे। कुछ दिन आपने हिंदी-ग्रंथमाला का भी प्रकाशन किया । हिंदी-दास- बोध और रामदास स्वामी की जीवनी, आत्म-विद्या, एकनाथ- चरित्र, भारतीय युद्ध तथा श्रीमान तिलकजी के भारी ग्रंथ मराठी कर्म मोग (गीता-रहस्य) के अनुवाद आपने बड़े विशद किए। आप नड़े ही सौम्य-प्रकृति के साधु पुरुष थे। देश भक्ति में कुछ उद्धत विचार रखने से कई बार आपको कष्ट उठाने पड़े थे। श्राप एक वार सम्मेलन के सभापति हुए । अापका देहांत १९८८ में हो गया। नाम-(३४६७) लज्जाराम मेहता। जन्म-काल-सं० १९२० । कविता-काल-सं० १९४५ के लगभग । विवरण-~आपका जन्म बूंदी-राज्य में हुआ। आपने श्रीवेंकटेश्वर- पत्र का संपादन ७ वर्ष तक किया, और बूंदी में कई साल आप उच्च पदाधिकारी रहे । आपने अनेकानेक ग्रंथ रचे । धूर्त-रसिकलाल, हिंदू-गृहस्थ, श्रादर्श दंपति, बिगड़े का सुधार, अमीर अब्दुल रहमान, विक्टोरिया-चरित्र, राज-शिक्षा, बालोपदेश, विपत्ति की कसौटी, नवीन भारत आदि आपके ग्रंथों में प्रधान हैं । आप पत्रकार और उपन्यास-लेखक थे, तथा अच्छे गद्य-लेखक माने जाते हैं। विचार पुराने थे। समय-संवत् १६४६ नाम-( ३४६८) अयोध्यानाथ सरयूपारीण । ग्रंथ-(१) सम-विनयमाला, (२) जानकी-विनयमाला, (३) भरत-विनयमाला, (४) लक्ष्मए-विनयमाला, (१) शगुन- विनयमाला, (६) हनुमान-विनयमाला, ...(७) पितृविनय-