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मिश्रबंधु

२४० नाम- मिश्रबंधु-विनोद सं० १९५७ 'विषयों पर आपके कई लार-गर्भित लेख निकल चुके हैं । आपका शरीर-पात १९६० में हुआ। (३५४५) गणेशदत्त शास्त्री वाजपेयी, कन्नौज । जन्म-काल-लगभग १९३५ । आप भारत-धर्म-महामंडल के सबल उपदेशक थे। आपने धर्म एवं दर्शन-शास्त्र-विषयक कुछ ग्रंथ भी लिखे । आपके विचार प्राचीन प्रथा के हैं। नाम-(३५४६) गंगाप्रसाद गुप्त, काशी। यह अग्रवाल वेश्य हैं। इनका जन्म-काल सं० १६४२ है आपने सं० १६५७ से हिंदी-लेखन का कार्य प्रारंभ किया, और अब तक आप ५६ ग्रंथ रच चुके हैं, जिनमें उपन्यासों का प्राधान्य है। अापके ग्रंथों में मुख्य ये हैं-राजस्थान का इतिहास ( पूर्वाद्ध), बनियर की भारत-यात्रा, पन्ना-राज्य का इतिहास, लंका-भसण, तिब्बत-वृत्तांत, कालिदास का जीवन-चरित्र, रामाभिषेक, दुःख और सुख, पूना में हलचल और हिंदी का भूत, वर्तमान और भविष्य । आपने समय-समय पर भारत-जीवन, हिंदीकेसरी, श्रीवेंकटेश्वर-समा- चार और सारवाड़ी का संपादन किया, तथा हिंदी-साहित्य-नामक मासिक पन्न निकाला है । गत दस-ग्यारह वर्षों से यह काशी से हिंदी-केसरी-नामक साप्ताहिक पत्र निकाल रहे हैं। आपके बहुतेरे ग्रंथ उपयोगी विषयों पर हैं । आप हमारे एक श्रमशील लेखक हैं। नाम--(३५४७ ) जगन्नाथप्रसाद चतुर्वेदी, मलयपुर, मुंगेर । जन्स-काल-सं० १९३२ । ग्रंथ-(१) वसंतमालती, (२) संसार-चक्र, (३) तूफ़ान, (४) विचित्र विचरण, (५) भारत की वर्तमान दशा, (६) स्वदेशी आंदोलन, (७) गद्यमाला, (८) मधुर मिलन आदि अनेक ग्रंथ लिखे हैं।