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मिश्रबंधु

२६२ मिश्रबंधु-विनोद सं. १३११ . ग्रंथ-श्रीकृष्ण-चंद्रिका । विवरण-साधारण श्रेणी । १६५५ में स्वर्गवासी हो गए। नाम-(३५७६) दामोदरसहायसिंह, 'कवि-किंकर', सीतल- पुर (सारन)। जन्म-काल- सं० १९११ रचना-काल-सं०१९४५ के लगभग । थ-(१) सुधा-सरोवर, (२) रसाल, (३) संधि-संदेश, (४) हिंदी-गीता, (१) मातृ-भाव, (६) शिक्षा-निबंधावली आदि । नाम-(३५८०) दाशरथीदास उपनाम दिव्य । ग्रंथ-- रामलीलासहायक । [पं० त्रै० रि०] नाम-( ३५८१ ) परसदास बैरागी, ग्राम चंगोई, रियासत बीकानेर। जन्म-काल-सं० १९२० के लगभग। ग्रंथ–स्फुट कविताएँ। विवरण-आप अभी वर्तमान हैं। इन्होंने बीकानेर-राज्यांतर्गत आपूवाला प्राम-निवासी ठाकुर चतुरसिंह. राष्ट्रवर को संबोधित करके २४ छंद 'चतुर-चौबीसी' नाम से बनाए । उक्त ठाकुर साहब के द्वारा हमें यह कवि ज्ञात हुए हैं। उदाहरण- तन को देत न त्रास बचन अमृत-सम बोलै; मन में भाव मलीन कबहु नहिं राखै बोले चलै निगस की चाल, बिद्र-छल सारे डाढ़े लालच ममता कूटि-कूटि घर बाहिर का। सब कूड़ कपट त्यागन करे, रात-दिवस ईश्वर स्टै कबि परसदास उन पुरुष को दरस किए पातक कटै । नाम-( ३५८२) भीमसेन ब्राह्मण, गुरुकुल कांगड़ो। ।