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मिश्रबंधु

3 मिश्रबंधु-विनोद सं० १९४८ नाम--(३६४०) ईश्वरदत्त, (स्वर्गीय)। रचना-मानस-दीपिका । नाम-(३६४१) ईश्वरीप्रसाद तिवारी। ग्रंथ-(१) भाषा भगवद्गीता, (२) भाषा भागवत । जन्म-काल-सं० १९२३। उदाहरण- तु. बैठो ही रामायण नित गावै । सोतो राम रूप अति सुंदर छिन-छिन मन में ध्यावै । बालकांड प्रभु-चरण-कमल शुचि जग नंदन सुख छावै ; 'निगुण सगुण सरूप भाव कहि कथा प्रसंग लगावै । बाल केलि पद ऊर्ध्व भाव लखि घुटना भृगुपति लावै ब्याह उछाह अनेक भाँति जहँ उर बिक्रस प्रकटावै। अति सुंदर कटि देश अयोध्या जहँ सत धर्म दिखावै j प्रभुता बीर बंधु की करनी सिय पतिव्रत सरसावै । नाम--(३६४२ ) कुंदनलाल, फतेहगढ़ । जन्म-काल-सं० १९१५ । मृत्यु-काल-सं० १६५१ । विवरण-आपने सं० १९४८ में 'कवि व चित्रकार'-नामक मासिकपत्र फ़तेहगढ़ से निकाला था, किंतु पीछे आपके अस्वास्थ्य के कारण वह बंद हो गया। आप हिंदी के प्रेमी तथा उन्नायक थे। कवि व चित्रकार में समस्याएँ भी रहती थीं, जिनकी पूर्ति में श्राप कवियों का यथायोग्य सम्मान भी करते थे । नाम-(३६४३ ) गोपालदास, आगरा । जन्म-काल-सं० १९२३ । विवरण-भूतपूर्व संपादक जैनमित्र । 1