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मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद सं० १९५० नाम-(३६८३) राधामोहनजी रावत (चिंतामणि), मैनपुरी। मृत्यु-काल-सं० १६७५ के लगभग । अंथ-(१) श्रीकृष्ण-विनोद, (२) रस-लहरी (दो भाग)। विवरण-श्राप माथुर चतुर्वेदी ब्राह्मण मैनपुरी-निवासी थे। . प्रथम यह स्थानीय गवर्नमेंट स्कूल में अध्यापक रहे, तत्पश्चात् वहीं के अध्यक्ष (सुपरिंटेंडेंट) हो गए। कुछ काल-पर्यंत यह वर्तमान मैनपुरी- नरेश के शिक्षक थे। आपके ग्रंथ स्टीम-प्रेस, लखनऊ से प्रकाशित हो उदाहरण- कहा कहौं छबि आज जुगल की। सिंहासन पर केशव राजत शोभा छवि सद मदन हरन की। कोउ कर जोरि सामुहें ठाढ़ी भूमि रही कोउ चमर दुरन की । 'चिंतामणि' भरि प्रेस पुलक तन देखि रहे वह कांति बदन की। नाम-(३६८४) रामदासराय, सुज़फ्फरपुर । जन्म-काल-सं० १९२६ (अनुमानतः)। रचना-काल-सं० १९५० के लगभग । ग्रंथ-(१) पंच-पान, (२) दूत-वाक्य, (३) हिंदी- व्याकरण आदि। विवरण-आप भूमिहार ब्राह्मण हैं। इस समय आप मुज़फ़रपुर- कॉलेज में संस्कृत तथा हिंदी के प्रोफेसर हैं। नाम-(३६८५ ) रामेश्वरप्रसाद पांडेय, भरतपुर, रीवाँ- राज्य। जन्म-काल-सं० १९२० । कविता-काल-सं० १९५० के लगभग । ग्रंथ-- स्फुट कविताएँ।