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मिश्रबंधु

पूर्व नूतन ग्रंथ-अध्यात्म-रामायण-सार-संग्रह । (दि. ०रि०) नाम---( ३७६६ ) मितानसिंह, बरखेरवा । जन्म-काल-सं० ११३२ । ग्रंथ-स्फुट छंद। नाम-(३७६७) मुकुटलाल उपनाम रंग कवि । अंथ-दुर्गा भापा। नाम -( ३७६८) मूलाराम । ग्रंथ-विज्ञान-निरूपिणी । (पं० ० रि०) नाम-(३७६६ ) यज्ञराज. नोनरा ग्राम, जिला सुल्ताँपुर । जन्म-काल-सं० १९३२ । ग्रंथ-(१) जगदंव-यशावली (लगभग २०० छंद), (२) रामा- यणमाला ( लगभग १५० छंद), (३) वैधनाथ-विनोद (लगभग १५० छंद), (४) श्रमरकोश का उत्था, (५) स्फुट फविताएँ। विवरण-श्राप भंबर कवि के पुत्र हैं। यह महाशय साहित्य-प्रेमी महाराज कमलानंदसिंहजी बनेली, श्रीनगर के श्राश्रय में रह चुझे हैं। [ ज़िला सारन (छपरा )-निवासी महाशय कपिलदेवनारायणसिंहजी द्वारा ज्ञात । ] उदाहरण- नहाँ देवासुर-युद्ध शत वर्ष भो सक्रुद्धभए, दानव फिरें देवता परान जहाँ देखि दीन दास अंव कीन्ही अट्टहास, बदि लागी है अकास भए खुसी देवतान । जहाँ दीन्हे काहू वस्त्र काहू भूषण प्रशस्त, काहू दीन्हे अस्त्र-शस्त्र यज्ञराज बे प्रमान : प्रबल