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मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद सं. १९६० 3 3 हमने परलोकवासी मंगलदासजी के नाम कार्ड भेजा था, परंतु आपने उसका उत्तर और १४ कवियों का जीवन • चरित्र तथा उदा. हरण तुरंत हमारे पास भेजे । उदाहरण- आछे राम काछे कटिं काछनी पितंबर की, पाछे कछु दच्छिन सों लच्छन लले रहें लोहै उर बनमाल मोतिन की माल पुनि, भाल पै तिलक श्रुति कुंडल रसे हैं । सुखमा मुकुट सीस सरसै कलित कंठ, कंठ हू ललित कल कौतुक कसे हैं धारे धनु-बान अरि-मान के मथन-वारे, जानकी-समेत सेरे मानस बसे रहें। नाम-(३८७२ ) रामलालजी मनिहार, बलिया । जन्म-काल-सं० १९३५ । ग्रंथ-शंभु-पचीसी। नाम-~-( ३८७३ ) रामलाल शर्मा, मैनपुरी। थ-स्फुट कविता। विवरण-श्राप स्थानीय स्कूल के प्रधानाध्यापक थे, और पश्चात् वर्तमान मैनपुरी-नरेश के यहाँ रहे । नाम--( ३८७४) लक्ष्मीनारायण, दतिया। जन्म-काल-सं० १९३५ । ग्रंथ-हितजी का प्रागट्य स्फुट छंद । विवरण-राधावल्लभी। नाम-(३८७५ ) लालारामजी शास्त्री । अंथ--(१) आदि-पुराण, (२) उत्तर पुराण, (३) धर्म-प्रश्नो- चर, (४) श्रावकाचार, (५) तत्वानुशासन, (१ (५) चरित्र-सार,