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मिश्रबंधु

सं. १९६३ उत्तर नूतन ग्रंथ-(१) बीर घाला, (२) बुंदेलखंड का इतिहास (पदा मंथ), (३) श्रौद्योगिक शिक्षा (निबंध), (४) खेलपचीसी, (५) शिशु-संबोधिनी, (६) बालिकाविनोदिनी, (७) बाल- विहार, (८) बालद, (६) विदुरप्रजागर (संपादन), (०) होलीहजारा (संग्रह), (११) गार-कुंडली, (१२) आर्य-देव-कुल का इतिहास, स्फुट लेख तथा कविताएँ । विवरण-श्रापका जन्म पोप-कृष्ण - तुधवार स०१९३८ को, श्रापके पैतृक जागीरी स्थान पहरा में, हुआ । आप बुंदेला-क्षत्रिय- कुलोत्पन्न दीवान भानुसिंह के सुपुत्र हैं । औद्योगिक शिक्षा पर आपको काशी-नागरी-प्रचारिणी सभा से स्वर्ण पदक भेंट में मिला । 9 सपन अंग उदाहरण चर देश बुंदेलखंड तप-याग-केंद्र हिय भरतखंड तुव विशद विध्यगिरि गगन ताहि , नद, गर्त गूढ़ पाताल जाहिं । रनादि सर्व कहुँ सुथल शुभ्र कहुँ कठिन । कहुँ पुष्पित बन, सर, नगर, खेत, कहुँ निजन, निजल, विकराल रेत । कहुँ विकट शीत रद कटकटात, कहुँ लूक कलेवर मुलस जात । बहु गढ़ गुफादि मंदिर, कुटीर , सत, रज, तम गुणमय जीव भीर। प्रत्यात चार सरितन मझार, तुन अति अनूप आनंद-अगार ।