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मिश्रबंधु

प्राचीन कविगण २६ पिंधर दिढ़ सण्णाह वाह-उप्पर पक्खर दइ; बंधु समदि रण धसउ सामि हम्मीर वरण लइ । उड्डल णह-पह भमउ खग्ग रिउ सोसहि डारउ; पक्खर पक्खर ठिल्लि पिल्लि पब्बी उम्फालउ । हम्मीर कज्जु जजल अणह, कोहाणल मुह मह जलउ ; सुलतान सीस झरवाल दइ, तेजि कलेवर दिन चलेउ।" यह उदाहरण प्राकृत पैंगल (रॉयल एशियाटिक सोसाइटी) में उद्धृत है। नाम-(२३) शेख सुल्तान, महाराष्ट्र-प्रांत । ग्रंथ–स्फुट। कविता-काल-सं० १४५० । विवरण-यह सेननाई के समकालीन कवि थे। मुसलमान होते हुए भी इन्होंने श्रीकृष्णा-भक्ति पर भाव-पूर्णरचनाएँ की। इनके अतिरिक्त बाजी मुहम्मद, जिंदा फकीर, सैयदहुसेन, बहादुर बाबा, लतीफ़शाह सुनीर, फाज़िलख़ाँ, शाहबेग, सुल्तानशाहिद, कादिर, शेख मुहम्मद आदि सुसलमान हिंदी-कवि इस प्रांत में हो गए हैं। नाम -(२३) फरीद, महाराष्ट्र-प्रांत । ग्रंथ-स्फुट । कविता-काल-सं० १४५० । विवरण- -यह कवि शेख सुल्तान के साथी और सेननाई के समकालीन थे। श्रीकृष्ण-भक्ति पर इन्होंने अधिकांश रचनाएँ की। नाम -(१३१ ) चंपा दे रानी। रचना-काल-सं. १६२७ के लगभग । कविता-शृंगार-रस के स्फुट छंद । विवरण-यह बीकानेर-नरेश राजा पृथ्वीराज की रानी तथा