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मिश्रबंधु

सं० १९७० उत्तर नूतन राष्ट्रीयता का मूल-मंत्र, (७) राष्ट्रों की उन्नति, (८) बालोपयोगी वैदिक धर्म, (6) स्वर्ण-देश का उद्धार । विवरण---अापका जन्म जालंधर शहर में हुआ था । श्राप स्वर्ग- लोक-वासी महात्मा श्रद्धानंद के सुपुत्र हैं। इस समय दैनिक 'अर्जुन' पन्न के व्यवस्थापक तथा संपादक हैं । यह महाशय 'स्वधर्म-प्रचार', 'विजय', 'श्रद्धा' आदि पत्रों के संपादक रह चुके हैं। नाम-( ३६३६) (राय) कृष्णदास वैश्य, काशी-निवासी। जन्म-काल-लगभग सं०१४ रचना-काल-लगभग सं० १९७० । श्राप काशी के रईस और चित्र-कला के प्रेमी तथा हिंदी के उत्साही लेखक हैं। आपने नागरी-प्रचारिणी सभा में एक कला- भवन स्थापित किया है, तथा उसमें अपने यहाँ के बहुत-से चित्र प्रदान किए हैं। श्राप इस समय नागरी-प्रचारिणी सभा के मंत्री और उत्साही कार्यकर्ता हैं । कई उपन्यास छायावादी ढंग पर लिखे हैं । हमको ये उपन्यास पसंद हैं, यद्यपि हमारे कई मित्र इस मत के विरोधी हैं। नाम-(३६४० ) कृष्णविहारी मिश्र, गँधौली, सीतापुर । -लगभग सं० १९४५ रचना-काल-सं० १९७० । ग्रंथ-(१) देव-विहारी, (२) मतिराम-ग्रंथावली । संपादक माधुरी तथा साहित्य-समालोचक । विवरण-प्रसिद्ध कवि व्रजराज के भतीजे तथा लेखराज के पौत्र हैं। आजकल सेनापति के ग्रंथ का संपादन किया है। हिंदी-साहित्य के अच्छे तथा अपने समय के परमोत्कृष्ट समालोचक हैं। जन्म-काल 1