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मिश्रबंधु

नाम- ३८४ मिश्रबंधु-विनोद सं० १९७० - ( ३६४७) (राजा) भगवानवख्शसिंह (श्रीकर) इटौंजा, लखनऊ। जन्म-काल-सं० १९३१ । रचना-काल-सं० १९७० । ग्रंथ-स्वरचित साहित्य-संग्रह । विवरण-आप ब्रजभापा में अच्छे छंद लिखते थे । उनका संग्रह आपके भाई राजा रामपालसिंह ने छपवाया है। हमारे प्राचीन मित्र तथा सहपाठी थे। नाम-(३६४८) भवानीदयाल । जन्म-काल-सं० १९४६ । रचना-काल-लगभग सं० १९७० । ग्रंथ-(9) दक्षिण आफ्रिका के सत्याग्रह का इतिहास, (२) ट्रांसवाल में भारत-वासी, (३) कारावास-कहानी, (४) नेटाली 'हिंदू, (५) शिक्षित और किसान, (६) वैदिक धर्म और आर्य- सभ्यता, (७) महात्मा गांधी, (८) दक्षिण-आफ्रिका में प्रार्य- -संन्यासी ( अप्रकाशित ), (६ ) भारत की राज्य-क्रांति का इतिहास (अप्रकाशित), (१०) भजन-प्रकाश श्रादि । विवरण-आपका जन्म टांसवाल के प्रधान नगर जोहांसवर्ग में हुआ, और इसी कारण श्राप जन्म-प्रवासी ( Colonial-Born ) कहलाते हैं । श्राप ब्राह्मण हैं। इनके पिता ट्रांसवाल की इंडियन 'एसोसिएशन के सभापति थे, और इनका प्राथमिक शिक्षण सेंट 'सिप्रियन तथा वेल्सन मेथोडिस्ट स्कूलों में हुआ । सं० १९६१ में यह अपने पिता तथा भाई के साथ भारत आए, और प्रायः आठ वर्ष तक ससराम (बिहार) में रहकर इन्होंने अपनी ज़मींदारी का काम किया । सामाजिक तथा राजनीतिक आंदोलनों में भाग लेने की विशेष रुचि होने के कारण इन्होंने स्वदेशी पर ससराम इलाके-भर में व्याख्यान