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मिश्रबंधु

३८६ मिश्रबंधु-विनोद सं० १९७० रचना-काल-सं० १९७०। विवरण-आप ग्वालियर में तहसीलदार तथा हिंदी के उत्साही कार्यकर्ता हैं । आपने हमारे पास डेढ़-दो सौ सज्जनों के विवरण भेजे हैं, जो विनोद में सम्मिलित हैं । आपके पास हिंदी की हस्त- लिखित पुस्तकों का अच्छा संग्रह है । नाम-(३६५०) मातादीन तिवारी ( मतोल ), मैनपुरी। कविता-काल-सं० १९७० । मृत्यु-काल- -लगभग सं० ११७५ । ग्रंथ-(१) नीति-शतक, (२) प्रभाती रामायण । विवरण-यह कान्यकुब्ज ब्राह्मण थे । प्रथम श्राप मैनपुरी-नरेश राजा रामप्रतापजी के दरवार में थे, और वाद को कुछ काल-पर्यंत ब्रह्म-प्रेस के अध्यक्ष के यहाँ इटावे में रहे । आपका पहला ग्रंथ ब्रह्म-प्रेस द्वारा प्रकाशित हो चुका है, किंतु दूसरा अनुपलब्ध है। उदाहरण- /गनिका की गीध की गयंद-तिय गौतम की, गोपिन की गाइन गुहार कौन करतो; नरसी की नृग की निषाद नल-नीलहू की, भीलिनी की व्याध की विपत्ति कौन हरतो। भनत 'मतौल' सैन सदन अजामिल को- संकट सुकंठहि अकंटक को करतो दुष्ट-दोष-गंजन भौ-भंजन न होते आप, संत-मन-रंजन तुम्हारो नाम परतो । नाम-( ३६५१) मातादीन शुक्ल (नरेश) लखनऊ- निवासी। जन्म-काल-सं० १६१० (कृष्णपुर, जिला फ़तेहपुर में)। रचना-काल-सं. १९७० । .