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मिश्रबंधु

५०६ मिश्रबंधु-विनोद सं० १९७४ नाम विश्व-माधुरी की शुचि आभा, था यौवन का सुंदर फूल; है सोहाग की छटा मनोहर, या विरही जीवन का शूल। प्रकृति-नटी का हास्य-ज्योति या मधुर-मिलन का भाव अनूप हीतल शीतल करनेवाला, या तरुणी रमणी का रूप । ३६८० ) बनारसीदास चतुर्वेदी। जन्म-काल-सं० १९४६ । ग्रंथ-(.) हृदय-तरंग, (२) राष्ट्र-भाषा, (३) रानडे, (४) केशव चंद्रसेन, (५) भारत-भक्त एड्य ज़, (६ ) प्रवासी भारतवासी, (७) फ़िजी की समस्या, (८) फिजी-प्रवासी। विवरण-फीरोजाबाद, जिला आगरा-निवासी पं० गनेशीलाल के पुत्र हैं। यह आजकल कलकत्ते में रहकर 'विशाल भारत' पत्र का संपादन करते हैं । उपनिवेशों पर आपने विशेष श्रम किया है। हिंदी-गध के सुलेखक हैं। नाम-( ३९८१) राजकुमार वर्मा 'कुमार', साहित्य-रत्नाकर, जबलपुर। जन्म-काल-सं० १९६१ । कविता-काल-सं० १६७४ । ग्रंथ-(१) भीम-प्रतिज्ञा (नाटक), (२) वीर हम्मीर ( पच- ग्रंथ), (३) सुखद सम्मिलन, (४)गांधी-गान, (१)प्रणय- परिचय, (६) साहित्य-समालोचना, (७) कबीर का रहस्यवाद । विवरण-श्राप कायस्थ-कुलोत्पन्न श्रीयुत लक्ष्मीप्रसाद श्रीवास्तव भूतपूर्व एक्स्ट्रा असिस्टेंट कमिश्नर, मंडला के पुत्र हैं। यह इस