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मिश्रबंधु

सं.१९६३ उत्तर नूतन विवरण- --श्राप बढ़नी, जिला बस्ती निवासी सरवरिया ब्राह्मण पं. रामगरीब मिश्र के पुत्र हैं। ब्रजभाषा में साधारणतया प्रची रचना करते हैं। नाम---(४०४२ ) भागीरथ स्वामी वेध, फर्रुखाबाद । जन्म-काल-सं०११३८ । अंथ-(१) दुखभंजन-स्तोन्न, (२) गंगा-स्तोत्र, (३) नंदिनी- नंदन नाटक आदि सात-काठ पुस्तके तथा सामयिक पन्नों में लेख । नाम--(४०४३ ) सन्नीलालजी मिश्र । जन्म-काल--सं० ११३८ । ग्रंथ-(१) श्रानंद-सुधांबुधि, (२) प्रमोद-सुधा-तरंगिणी, (३) भगवशक्ति-भूपण, (४) कान्यकुब्ज-भूषण, (३) कात्यायनी- स्तवन, (६) कान्यकुब्ज-हितोपदेश, (७) अपूर्व रामायण, (6) जैसलमीर-चरित्र, (8) गाने की कई पुस्तकें। विवरण प्राप बैजेगाँव-निवासी पं० बालमुकुंद मिश्र के पुत्र हैं । श्रापको नाद-विद्या से भी प्रेम है। उदाहरण- सखिन समेत प्यारी यमुना नहान चली, धारे नील सारी अंग सुखमा अमंद है मारग में मोहन अचानक ही श्रायो जान लाजवश घुघट से कीन्हों मुख बंद है। मिश्र मणिलाल प्रभा पीतम बिलोकी ऐसी, कीन्हीं अनुमान मान उपमा स्वछंद है राहू को महान भय मानि के अयान मानो, सागर पिता की अंक प्राय छिपी चंद है। -(४०४४ ) मयूर मदारीसिंह बाछिल, महसुई, जिला सीतापुर। - 3 ।