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मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद सं0 180 नास m खड़ी घोली और ब्रजभाषा दोनो में कविता करते तथा स्थानीय चतुर्वेदी-पुस्तकालय के जन्मदाताओं में से हैं। उदाहरण चित चालक ये चख चारु चलें जय की जनु काम धुजा फहरैं; अधरान पै सोहै बुलाख मनौ बुंदबुंद अमी विधु बाल भरें । वतरानि में चौंपें ल0 जनु स्याम सितंबुद में चपला छहरे अस बाल नबेलि विलोकि उ मन माहिं मनोसव की लहरै। (४१५६) देवनारायणसिंह (लाल), सटा, डाकखाना शाहपुर। ग्रंथ-रमेश-मनोरंजनी। नाम--( ४१५७ ) सुख्तारसिंह जाट, गिरिधरपुर, मेरठ। ग्रंथ-हिंदी-वैज्ञानिक कल्पतरु बनाते हैं । -(४१५८) रमेश पाँड़े ( रामेश्वर ), पंडित पुरवा, जिला लखनऊ। जन्म-काल-सं० १९४३ । -(४१५६ ) सत्यत्रत शर्मा, मुरादाबाद । समय-संवत १९६६ नाम--( ४१६० ) गोविंदप्रसाद देव चौबे । ० ग्रंथ--विनय-शतक। विवरण-आप नया गाँव पालदेव जागीर के युवराज हैं। नाम-(४१६१) चंद्रभानुराय । ग्रंथ-नरसिंहपुर-नयन। विवरण-आप बाबू गोकुलप्रसाद के ज्येष्ठ पुत्र हैं, तथा दुर्ग, जिला रायपुर, मध्यप्रदेश में निवास करते हैं। जन्म-काल स. १६४४।