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मिश्रबंधु

मिनबंधु-विनोद सं.१९.. नाम--( ४१८१ ) प्यारेलाल मिश्र भंडारो, वृंदावन । नाम--( ४१८२) बचईलाल, माऊनपुर, इलाहाबाद । जन्म-काल-सं० १९४५ ग्रंथ-बजरंग-विनय श्रादि । नाम-(४१८३ ) (बारहट ) मुरारदानजी। विवरण-यह किशनगढ़-राज्य में रहते हैं। डिंगल पिंगल की कविता करना पुश्तैनी पेशा है। नाम-(४१८४ ) रघुनंदनसिंह वर्मा 'लाल', ग्राम सबहद, बिधूना, इटावा। जन्म-काल-सं० १९५२ । रचना-काल-सं० १९७० । ग्रंथ-(१) लाल तरंग ( ३५० छंद, अप्रकाशित ), (२) स्फुट लेख। विवरण-श्राप सेंगर क्षत्रिय श्रीयुत लाल नरपतिसिंहजी (लाल नाहरसिंहजी ) के पुत्र हैं। आप एक ज़मींदार और साहित्य.नुरागी पुरुष हैं। नाम-( ४१८५) ( महाराज ) रघुराजसिंह (सी० आई० ई०)। रचना-काल-सं० १९७० परिचय-महाराज पृथ्वीसिंह के छोटे पुत्र थे। गत महायुद्ध में सरकार की बहुत सहायता की । गुणी जनों का बड़ा आदर करते थे। गंगादीनजी की मृत्यु पर 'गंगा-वाक्य-विनोद' को छपवाया, तथा निम्न-लिखित सोरठा वियोग में कहा- श्रावै निशि-दिन याद, गंग बिना नहिं कविता से वह स्वाद, क न सुणस्याँ कान में । श्रावड़,