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मिश्रबंधु

सं० १९७) उत्तर नूतन ४६१ रचनाएँ अनुमाय-युक्त, सरस तथा प्रभावशालिनी हुआ करती हैं। कहा जाता है, आजकल आप ज्योतिप-सोपान' नामक पुस्तक लिख रहे हैं। [ श्रीयुत लक्ष्मणप्रसादजी (विशारद ), बिलासपुर द्वारा ज्ञात नाम-(४१६३) श्यामलाल । जन्म-काल-सं० १६४५ ( वर्तमान)। ग्रंथ- स्फुट पद। विवरण-राधावल्लभी। नाम-( ४१६४) श्यामसुंदरलाल बी० ए० ( सी०, आई० ई.)। रचना-काल - लगभग सं० १९७० । (मृत) विवरण --आप इटावा-निवासी महेश्वरी वैश्य थे । वर्नमेंट कॉलेज, अजमेर में गणित के प्रोफेसर हुए । वहाँ से किशनगढ़ पाए। आपने राज्योन्नति के बहुत-से कार्य किए, तथा थियासो-फिकल सोसाइटी की कई पुस्तकों की रचना भी की। नाम-(४१६५ ) सुखसंपत्तिराय भंडारी। ग्रंथ--(3) बुद्धदेव, (२) स्वर्गीय जीवन, (३) उन्नति । विवरण-आपने पोसवाल जैन और मल्हारी मातंड आदि कई पत्रों का संपादन किया है। नाम-( ४१६६ ) सुपार्श्वदास गुप्त । ग्रंथ-पार्लियामेंट। विवरण-हिंदी के उत्साही लेखक प्रारा-निवासी अग्रवाल जैन हैं। समय-संवत् १६७१ नाम-(४१९७) गोपाल दामोदर तामस्कर । जन्म-काल--सं० १९४६॥