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मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद नाम-(१२) आनंदतनय, तंजोर । ग्रंथ- स्फुट । कविता-काल-सं० १७५० । मृत्यु-काल--सं० १७८० । विवरण- -कहा जाता है, शिवाजी के पिता को क्लैद करने के उपलक्ष में इनको बीजापुर-राज्य से अरणी-नामक ग्राम जागीर में दिया गया था । मराठी के अच्छे कवि होते हुए भी इन्हें हिंदी-कविता से प्रेम था। नाम--(५३) गिरिधर, महाराष्ट्र-प्रांत । ग्रंथ-सीता-स्वयंवर एवं स्फुट । कविता-काल-सं० १७५० । विवरण-यह रामदासजी की शिष्या वेणूबाई के शिष्य थे । भालेरावजी के कथनानुसार इनके रचे हुए ग्रंथों की संख्या ४० और स्फुट २४,००० छंद हैं। नाम-(या ) गोविंददास, मेरठ। ग्रंथ-छंद-शास्त्र। रचना-काल-सं० १७५० के लगभग । विवरण--इनके ग्रंथ में दंडमेरु, पताका आदि चित्र-काव्य के उदाहरण हैं। नाम-(४४३) बल्लभ (सुकवि ), कृष्णगढ़ । कविता-काल-सं० १७५० के लगभग । अंथ-वल्लभ-मुक्तावली, वल्लभ-विलास । परिचय--आप बृदजी के पुत्र तथा नागरीदासजी के शिष्य थे। उदाहरण- बन-बन बाधन सौं बाधनी कहत ऐसे, कोऊ.जात छोरो जंतु कंतु दुख पाबैंगे G