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मिश्रबंधु

. मिश्रबंधु-विनोद सं.१९८२ नाम-(४३४४ ) सूर्यानंद वर्मा, मेघवन, दरभंगा। जन्म-काल-सं० १९६१ । रचना-काल-लगभग सं० १९८५ ग्रंथ-(१) सेवाश्रम (उपन्यास), (२) श्रात्मसुधार, (३) श्रादर्श विद्यार्थी, (४) कृतघ्न-बंधु, (५) हिंदू-धर्म का स्वरूप, (६) नरेंद्र-मठ, (७) नर-पिशाच-माधव; (2) सफ- लता का साधन, () संसार-प्रवेश तथा व्यावहारिक ज्ञान, (१०) स्वप्न-साम्राज्य आदि। विवरण-~-श्राप कायस्थ हैं। ग्रंथ आपने अच्छे विषयों पर लिखे हैं। समय-संवत् १९८२ नाम-(४३४५) अनूप शर्मा एम० ए०, एल-टी०। जन्म-काल-सं० १९५७ वि० । पिता का नाम पं० बदरीप्रसाद त्रिपाठी। स्थान-नबीनगर (सीतापुर)। वर्तमान पता-हेडमास्टर, खराबाद । कविता-काल-सं० १९८२ से। विवरण-कविता वीर-रस-प्रधान । काव्य-गुरु पं० गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही । सरस्वती, माधुरी आदि पत्रिकाओं में कविताएँ प्रका- शित होती रहती हैं। पुस्तकें (१) प्रकाशित-~सुनाल काव्य और अप्रकाशित-सिद्धार्थ-चरित्र । वीर-काव्य अच्छा रचा है। उदाहरण- रतनाकर यथारथ परयो है यात चौदहौ रतन धारे सोहते रहत है; तरल तरंगनि उसंगति के संगनि सों विश्वमोहिनी को मन मोहते रहत है। नाम