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मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद सं० १९८७ कविते ! मन-मोहक धार कहें, या नवजीवन-संचार कहें ; क्या प्रेमी का आधार कहें, या नवल सुमन का हार कहें ! नाम-(४३८७) विमलादेवी सोमानी, हैदराबाद । जन्म-काल- लगभग सं० १९६४। रचना-काल-सं० १९८७ ॥ विवरण- आपके लेख सामाजिक क्रांति उत्पश करनेवाले हुआ करते हैं । आप ( Circle Insp) बा. कन्हैयालाल की धर्म- पत्नी हैं। नाम-(४३८८) सूर्यकरण 'पारोक' पुरोहित एम० ए०। जन्म-काल---सं० १९६६ । रचना-काल-सं० १९८७ । ग्रंथ-(१) कानन कुसुमांजलि (गद्य-काव्य), (२) रति- रानी काव्य (प्रकाशित), (३) बेलि किसन रुकमणीरी ( राठौर महाराज पृथ्वीराज-कृत, संपादित राजस्थानी काव्य, प्रकाशित हिंदुस्थानी एकेडेमी द्वारा), (४) ढोला मारू राइहा (संपादित) प्रकाशित नागरी प्रचारिणी सभा, काशी सन् १९३३, (५) हिंद-गद्य- सुमन-माला-संग्रह, (६) सजविलास कवि मान-कृत (संपादित), (७) राउ जैतसी रउ छंद डिंगल भाषा, (८) राजस्थानी वारो की कहानियाँ, (६) गोरा बादल की बात, (१०) मौलिक पचों का संग्रह, (११) ज्योत्स्ना पच काय । विवरण-विड़ला कॉलेज पिलानी, जयपुर के वाइस-प्रिंसिपल हैं । जन्म स्थान बीकानेर राजपूताना है। संपादक तथा गद्य-काव्य- प्रणेता हैं। अच्छे विपयों पर श्लाघ्य श्रम किया है। आपकी पुस्तके उपादेय है । संख्या ५, ६, ८ के अतिरिक्त अन्य समय पुस्तकों की रचना तथा संपादन पुरोहितजी ने अपने मित्रों के सहयोग से किया है । १ श्रीठा० रामसिंह एम० ए०, २ श्रीपं० नरोत्तमदास