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मिश्रबंधु

सं० १९७६ चक्र उत्तर नूतन रचना-काल-सं० १९E I विवरण--यह महाशय मातादीनजी शुक्ल के सुपुत्र हैं। इनकी कहानियों में रूसी लेखकों का-सा मनोवैज्ञानिक विश्लेपण पाया जाता है । कविताओं में भी उतनी ही परिपक्वत्ता और भाकर्षण है, जितना बाहानियों में। समालोचना करने का ढंग भी इनका नया है। कई उपन्यास लिख चुके हैं, जो अप्रकाशित हैं। पन्न- पत्रिकाओं में इनकी रचनाएँ श्रादर का स्थान पाती है। इस समय लखनऊ-विश्वविद्यालय में, बी० ए० फाइनल में, पढ़ रहे हैं। १६७६-१० के अन्य कवि गरण समय- --संवत् १९७६ नाम- ----( ४३९५) परशुराम चतुर्वेदी । जन्म-काल-सं० ११११ । ग्रंथ-बलिया जिले का इतिहास तथा साहित्य समालोचना आदि। विवरण--जौरी, जिला बलिया-निवासी पं० रामछबीले के पुत्र हैं। पाश्चात्य दर्शन में आप एम० ए० हैं। नाम-( ४३६६ ) पूर्णानंद शास्त्री। जन्म-काल-लगभग सं० १९५४ । ग्रंथ---उत्सव-तच, शिक्षा-विधि और हिंदी कविता-नामक आपके छोटे ग्रंथ हैं। विवरण---यह जैनाबाद, जिला गुड़गांव के रहनेवाले ब्राह्मण हैं। बापने हिंदी और संस्कृत की कविता की है। नाम-( ४३६७) महेशप्रसाद ( महादेवप्रसाद ) मिश्र 'रसिकेश', गोरखपुर। जन्स-काल-लगभग सं० ११५६ | कविता-काल-लगभग सं० १६.७६ 1 ,