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मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद सं० १९७८ चक्र 5 उदाहरण- शीश-फूल पीछे गज-मोतिन की माल है कि, भूमिका भुजंगन पै सेसनाग माली है; कुंभ है सुधा को किधौं टपकि अमिय रस बुंद-बूंद साँपन पै श्रावै कद्रुमा-सी है। कजल के कूट पै गिरी है लीक बांधि बिज्जु, कैधौं कार ब्योम मध्य गंग या अकासी है; खासी मैन-सूर्ति सुखमा की प्रतिमा-सी उर , उचकि उसासी मद मदन प्रकासी है। नाम-(४४१७ ) गुलाबचंद्र वैद्य। जन्म-काल-सं० १९५३ । अंथ-(१) आरोग्य-प्रदीप, (२) स्वरोदय, (३) विज्ञान, (४) अनेकांतमय तत्त्व-विज्ञान, (५) सभा-सरोज । विवरण-श्रमरावती-निवासी भूलचंद जैन के पुत्र । नाम-(४४१८) ज्योतिप्रसाद मिश्र 'निर्मल', प्रयाग। जन्म-काल-लगभग सं० १९१२ । रचना-काल-सं० १९७८ । ग्रंथ--स्त्री-कवि-कौमुदी। विवरण-मनोरमा और भारतेंदु पन्नों के संपादक रहे हैं । इस समय भारत के संपादक हैं। नाम-(४४१६ ) नवनीत चौबे, मथुरा। ग्रंथ-(१) स्यामांगा-पय-भूषण (नख-शिख), (२) स्नेह- . शतक, (३) कुळ्या पचीसी, (४) मनोरथ-मुक्तावली, (५) नवीनो- त्सव संग्रह (प्रकाशित), (६) मूर्ख-शतक, (७) कृष्णाष्टक ( समस्या- ग-पूर्ति), (2) पिंगल-प्रकरण (अपूर्ण), (६) गद्या- चली (भपूर्ण)।