पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ४.pdf/६०३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
६०३
६०३
मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद सं० १९७८ चक्र . जन्म-काल-सं० १९६१ । कविता-काल-सं० १९७८। ग्रंथ-स्फुट कविता । विवरण-यह पं० दम्मीलाल के पुत्र हैं। उदाहरण- जब लै कर पुष्प-कमान गयो शिव जीतन कोटि करयो छल है ; तव पौरुष-पुज गमायो कहाँ जरि छार परयो भुवि बेकल है। अब सायक तेज गहै अबलागन मार त मार न सो बल है 'धिक विक्रम नीच मनोज तेरो, धिक तोहि, महा धिक तो बल है। नाम-(४४२४) मोहनलाल बड़जात्या । जन्म-काल-सं० १९५३ ॥ ग्रंथ-सुखी गृहस्थ । विवरण- यह कुचामण मारवाड़-प्रांत के निवासी हैं। मुंशी गोविंदराम खंडेलवाल जैन के पुत्र हैं। नाम--(४४२५) मौजी। कविता-काल-सं० १६७८ के पूर्व । ग्रंथ-पोस्त-पञ्चीसी। विवरण-मालिया काठियावाड़ निवासी जाडेजा ठाकुर थे नाम--(४४२६ ) रामप्रकाश शर्मा डॉक्टर, ग्राम बथुआ, जिला दरभंगा। जन्म-काल-सं० १९१३ । ग्रंथ-स्फुट कविताएँ। विवरण-यह भारद्वाजगोत्रीय भूमिहार ब्राह्मण दरभंगा-डिस्ट्रिक्ट- बोर्ड के निर्वाचित सदस्य हैं । इनकी रचनाएँ देश, महावीर आदि पत्रों में प्रकट होती हैं। आप खड़ी बोली के सुकवि हैं। 1