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मिश्रबंधु

सं० १९८० चक्र उत्तर नूतन ६०१ है 1 जन्म-काल----सं० १९५५ । ग्रंथ-(१) नंदन-निकुंज, (२) गल्प-संग्रह, (३) भाषा कवित्वमयी, (४) महाकवि बाण का अनुकरण । विवरण-शंभुनाथ क्षत्रिय के पुत्र । उदाहरए- कारी अमावस की निशि में बदरा चहुँ ओर घने घिरि अाए । सीर समीर लगै सरसै सर-ले बर-से जल के बँदरा ये 'आपुन ।अंग छिपाय बली सखि कारी सु कॉमरि मैं लपटाए । 'पै मुखचंद की चारु छटा थिर दामिनि की-सी छिप न छिपाए । नाम-(४४४६ ) जनार्दन मिश्र एम० ए०, साहित्याचार्य, मिश्नपुर, सुलतानगंज (भागलपुर)। जस्म-काल-सं० ११५५ । रचना-काल-लगलग सं० १९८० । ग्रंथ-स्फुट लेख। विवरण ---यह मैथिल ब्रामण पं० कौशिकीदत्त मिश्र के पुत्र हैं। नाम--(४४४७) ज्वालाप्रसाद गुप्त । जन्म-काल-सं० १९६३ ॥ रचना-काल-सं० १९८० ग्रंथ-अंतर्वनि प्रकाशित है। पत्र-पत्रिकाओं में स्फुट कविताएँ निकलती है। विवरण-चिड़ावा जयपुर-निवासी लाला भगवानदास अग्रवाल के पुत्र । संस्कृत, अँगरेज़ी, गुजराती तथा वंग-भाषा भी जानते हैं। श्राध्यात्मिक विषय के व्यसनी एवं सात्विक जीवन व्यतीत करते हैं। उदाहरण- करुण रंजित जब तेरा होता प्रिय मुझ पर अनुराग,