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मिश्रबंधु

सं० १९८३ चक्र उत्तर तूतन जन्म-काल-लगभग सं० १९५८। जन्म-स्थान- -झलरापाटन-रियासत । निवास स्थान-ग्राम अगवानपुर, जिला मुरादाबाद । ग्रंथ-समाचार-पत्रों तथा पत्रिकाओं में स्फुट लेख । विवरण-श्राप पं० मुकुंदरामजी के पुत्र हैं । सार्वजनिक संस्थाओं में अपनी युवावस्था से ही आप कास करने लगे हैं। समय-समय पर यह नागरी प्रचारिणी सभा के उपमंत्री तथा हिंदी-साहित्य- सम्मेलन की परीक्षाओं के व्यवस्थापक रहे हैं। 'अध्यापक' और 'शंकर' पत्रों के ये भूतपूर्व संपादक हैं। इस समय "खिलौना' पन्न से इनका विशेष संबंध हैं। नाम-(४४६३) कामेश्वरीप्रसाद, साहबगंज (छपरा )। जन्म-काल-लगभग सं० १९१८ । रचना-काल-सं० १९८३ । उदाहरण-- अब स्वार्थतम का परदा, सत्वर हटा दे मोहन ! अब श्रात्म-त्याग-रवि की, भाभा दिखा दे मोहन । पूरब में फैल जावे, शुभ देश भक्ति लाली मन - पल्लवों पै श्राशा, बूदें विछा दे मोहन । महिला कमल-कली क्यों, अब लौं न खिल रही है ? विद्या-मलय बहाकर, इनको खिला दे मोहन ! अज्ञान के निशाचर, हमको सता रहे हैं। चैतन्य शर से इनकी, गर्दन उदा दे मोहन ! चेते, मिलें, खड़ी हों, स्वत्वों को श्राज ले लें . बिगड़ी मेरी बना दे, शुभ दिन फिरा दे मोहन ! नाम--(४४६४) गुलाबरत्न वाजपेयी 'गुलाब' । .