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मिश्रबंधु

प्राचीन कविगण . परिचय-नागरीदासजी के ससकालीन कवि थे । सावंतसिंहजी के साथ आगरा से किशनगढ़ गए। वर्तमान कल्याण कवि आपके. बंशज हैं। उदाहरण- जैले वायु धननि पै, दावा दुम बननि पै, त्यों ही दैत्यगननि पै चक्र असि-धार है गरुड़ फनिंदन पै, सिंह गज-वृदन , त्यो कुरु-नरिंदन पै भीम गदाधार है शंभु रति-भावन पै, भान तम छावन पै, राम जिमि रावन पै जुद्ध जैतवार है . बाज जिमि पक्षिन पै, काँपे सूर इच्छिन पै, ऐसे दल दच्छिन पै साँवतकुमार है। नाम--(६६६ ) विष्णु। मकरध्वज-कथा। कविता-काल ~सं. १७८३ । नाम-(०१७ ) नैनसुख। प्रथ--(१) राव नवलसिंह की बाराखडी, (२) ब्रज-विलास की बाराखडी, (३) उत्तम पुरुप-बाराखडी, (४) हीन पुरुष-वारा- खड़ी, (५) सुभापित। रचना-काल-सं० १७८८ । विवरण-कवि का पहला ग्रंथ नरवर-नरेश महाराजा रामसिंह के सेनापति नवलसिंह के यशोगान पर है। कविता साधारण श्रेणी ग्रथा नाम-(७६) माधव !