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मिश्रबंधु

सं. १३०५ चक्र उत्तर नूतन अंथ-स्फुट छंद पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित । विवरण-महाराष्ट्र ब्राह्मण पं० बालकृष्ण राब के पुत्र, उरई जिलह जालौन-निवासी, खड़ी बोली के युवक कवि तथा सुयोग्य चित्रकार । अाजकल सतना में ड्राइंग-मास्टर और घर के रईस जमींदार हैं। उदाहरणा बंदे मातुभूमि मनभावन । मुकुट हिमालय खचित अनूपम पन्ना-रत्न सुहावन ; विविध औषधों से आरोपित कुंतल कांति वदावन । हरिद्वार, काशी, अवंतिका, माँग मोद उपजावन ; लटके टैं जाह्नवी, यमुना पावन हू की पावन। वेदी प्राग, गया ग्रीवा, रतन बंग विहार दिखावन; मैथिल, गौड़, उभय बाहू उर, द्रविड़ देश दरसावन । कटि बुदेल, जानु मालव, पंजाब सुधा • रस - सावन ; चरण दिव्य मदरास - बंबई कीर्ति कलित सरसावन । नाम--( ४५३० ) प्रेम भटनागर, बुलंदशहर। जन्म-काल-लगभग सं० १९७२। रचना-काल-सं० १९८१ विवरण-आप कहानियाँ अच्छी लिखते हैं। ऊपा के कहानी अंक का संपादन भी किया है। नाम---(४५३१) बदरीनाथ शर्मा 'मधुकर। जन्म-काल-सं० १९६५। रचना-काल-सं० १९८५। ग्रंथ- स्फुट छंद तथा समस्या-पूर्तियाँ। विवरण केतकी० पो० देव० जिला गया के निवासी हैं। समस्या- पूर्ति पर पदक तथा उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। इधर 'पान' में इनके हरिजन-संबंधी लेख निकले हैं। जेल-यात्रा कर चुके हैं। 1