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मिश्रबंधु

उत्तर नूतन , . 1 विवरण-श्राप पं. रामावतार मिश के पुत्र और एक उत्साही नवयुवक कवि हैं। नाम-(४५४२) सुधारानी विशारद, ग्वालियर । जन्म-शाल-लगभग सं० १९६७ । रचना-काल-सं० १९८५ विवरण ----श्राप हिंदी की अच्छी लेखिका हैं। नाम-(४५४३) हनुमदयाल अवस्थी हनुमंत कवि' । जन्म-काल-सं० १६६०। . ग्रंथ-बजरंग-बावनी। विवरण-पिता का नाम श्यामलाल अवस्थी। पितृ-वियोग से इन कवि का पालन इनके मामा ने किया। उदाहरण- भालु - कपि - कटक बटोरिव के हेतु धाय चारिहु दिसान के गिरिन पर जातो कौन बृहद बलीस बालि कीस को कराके बध सो कित सुकंठ को सुराज पै विठातो कौन । कूदि जातो उदधि अगाध कौन सिंह सम, ललकि लैंगूर ही ते लंक को , जरातो कौन; होतो हनुमंत बली वीर जो न पक्ष मैं, तो साँची सुधि रामजी को सीय की सुनातो कौन ॥ १ ॥ बाल-रवि के-सो बर बदन कपीस को है, स्वर्न - से सरीर पै लँगूर लमपत है; पीत कंज से हैं मंजु नैन पीत रंग वारे, अ बिलोकि काल को करेजो धमकत है। लोम-लता राजत कपीस कमनीय, जाकी दुति दमकत जैसे बिजु चमकत है;