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मिश्रबंधु

उत्तर नूतन - विवरण-कविता अच्छी करते हैं । उद्धत भाव-युक्त देश-प्रेमी होने के कारण श्राप इस समय जेल में हैं। उदाहरण आँखों में क्या-क्या है देखें आँखों से आँखावाले इन आँखों ने घना दिए हैं लाखों अंधे मतवाले। इन पापिन आँखों ने तुमको यदि न कभी देखा होता; तो मेरी फूटी किस्मत में कुछ सुख का लेखा होता। विष भी है, पीयूप वही है, प्रेम अरे यह क्या माया? अखिल विश्व की व्यथा तुझे क्या केवल यह प्रेमी भाया। नाम--( ४५४६ ) हरिमोहन मा बी० ए० (ऑनर्स), बाजीतपुर, मुजफ्फरपुर। जन्म-काल--सं.१९६५ रचना-काल-लगभग सं० १९८ ग्रंथस्फुट लेख तथा कविताएँ । विवरण- -श्राप 'बालक' पत्र के सहकारी संपादक पं० जनार्दन झा 'जनसीदन' कवि के पुत्र हैं। समय-संवत् १९८६ के अन्य कविगण नाम---( ४५४७ ) इंदुमती शर्मा, पटना । जन्म-काल-सं० १९६६ । ग्रंथ-स्फुट लेख। विवरण----यह स्वर्गीय श्रीयुत पं० रामावतारजी एम् ० ए०, पटना की सुपुत्री हैं। नाम -( ४५४८) कालीचरण विशारद । जन्म-काल-सं. १९६५। अंथ-स्फुट छंद।