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मिश्रबंधु

उत्तर नूतन नाम-( ४५७३ ) प्रणयेश शर्मा, कानपुर-निवासी। जन्म-बाल- T-खगभग सं० १९६३ रचना-काल-सं. १९८८ विवरण-आपने 'यंवर' नामक पुस्तक दिखी। 'मुक्त-संगीत' मैं भी अभिराम शर्मा की रचनाओं के साथ आपकी कविताएँ संकलित हैं। माम-( ४९७४ ) भगवान मिश्र ' निर्वाण', चंपानगर, भागलपुर। जन्म-काल-सं० १९६३ । विवरण-कविता अच्छी लिखी है। उदाहरण- मुठि सितार के तारों पर ऊँगली की जब पड़ती है भार ; शुति-गोचर होती है तो भी सुधा-सनी सुंदर संक्रार । वह सुनकर उर बीच प्रवाहित हो उठती है नवरस-भार । हो जाता है ज्ञात कि यह है शांति पूर्ण सारा संसार । सरस भाव-संयुक्त मनुज की यही दशा है नित हे यार ; वनिक न विचलित होते पाकर दुःखों के शाघात अपार । प्रत्युत बज उठते हैं झटपट हृदय-यंत्र के सारे तार, .. साध शब्द से हो जाता है प्राप्यायित सारा संसार । नाम--(४५७६) राजेश्वरोदेवी मिन 'नलिनी', उन्नाव। जन्म-काल-लगभग सं० १९७५ । रचना-काल-सं०१६ विवरणश्राप छायावाद के ढंग की अच्छी कविता करती है। नाम-( १९७६ ) रामसिंह विशारद बी० ए०, बोकानेर। विवरण-आप तोमर राजपूत गद्य-पद-लेखक हैं। इस समय