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मिश्रबंधु

६४८ मिनबंधु-विनोद संम माप हिंदू-विश्वविद्यालय, बनारस में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। नाम-(४५७७) वागीश्वरीसिंह चंगरहटा, शुभाड्योड़ी (दरभंगा)। . जन्म-काल-सं० १९६३ । उदाहरण- सरस सूचना अरुणोदय के प्रथम अरुणिमा की नभ में सुंदर मुसकान ; दिवस-यागमन के पहले ही वन विहंग की कोमल तान ! चिटप फलित होने के पहले नव किसलय छवि की छटकान : कर देता मन मुग्ध काव्य के प्रथम कल्पना पाकर ध्यान । होता प्रेम - क्रिया के पहले नव-यौवन मद का संचार । और मिलन के प्रथम गूंजते हत्तंन्त्री के कोमल तार । नाम-(४५७८) विद्याधर शास्त्री, बीकानेर । ग्रंथ-यथार्थ दर्शन। विवरण- [-श्राप चूरु-निवासी गौड़ ब्राह्मण हैं। हिंदी-गद्य के श्राप अच्छे लेखक हैं। आप इस समय नोबत हाईस्कूल, बीकानेर में संस्कृत के अध्यापक हैं। नाम-(४५७६ ) सीताराम वर्मा 'साधक', गुना, ग्वालियर निवासी। जन्म-काल-सं० १९७१। रचना-काल-सं० १९८८ ग्रंथ-स्फुट रचना। उदाहरण- । जो, तारे: मिलमिल - मिलमिल कर.देखा करते थे सपने । जिन्हें देखकर मेरी भी सखि, पलक लगती थीं अपने । वह भी कहाँ रहे अपने !