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मिश्रबंधु

सं. १९९० उत्तर नूतन १ बिधन विनाशन में "चातुर' चतुर जोई बीर विकराल काल - जाल मरदन को। देश औ' विदेश हू में लेश न कलेश जन खोवत जो तिहुँ ताप औगुन-सदन को ; चरन-कमल ध्याय बंदत हौं, वारन - बदन सुत मदन - कदन कंज लागे खिलन मलिंद मँडरान लागे , विहंगावली हू इत उत बगरै लगी i भरि मकरंद सुधा सौरभ विखारि रह्यो, पहुए लतान टोली भूमि महरै लगी। कालिमा दुराय स्वर्ण चंबर गगन धारि , 'चातुर' समीर सीरी-सीरी सहरै लगी; प्रकृति-नटी मनो उत्तारि वस्त्र श्याम धारे वसन सुरंग अंग छबि छहरै लगी। नाम--(४५६१) भगवानबक्स ठाकुर 'भगवान' चिलौली, रायबरेली। जन्म-काल-सं० १९२१। विवरण- स्फुट कविता। उदाहरण- मेरो धाम ग्राम लघु नाम है चिलौली, ताहि शाख जो तिलोई की है प्रांत है बरेली राय ; तामें अति लघु जमींदार भगवान हू है, पितु जागेश्वर शील-सिंधु सहजै स्वभाय । माधौसिंह नाम ख्याति जानिए पितामह का, जाति कान्ह वंश, गोत्र भरद्वाज मुनिराय,