पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ४.pdf/७

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मिश्रबंधु

समर्पण हिंदी-भाषा एवं कविता के अनन्य प्रेमी और सहायक, काव्य-मर्मज्ञ, सौजन्य-मूर्ति, सरल स्वभाव, निरहंकार, रसिक- शिरोमणि, हिंदी के सुलेखक, स्वदेश एवं स्वजाति के अद्वितीय भक्त, प्रजापालक, नरपाल-चूड़ामणि हिज हाइनेस सवाई महेंद्र महाराजा श्रीवीरसिंहदेव बहादुर ओरछा-नरेश 'सरामद राजा- हाय बुंदेलखंड के कर-कमलों में यह तुच्छ भेंट (मिश्रबंधु- विनोद, चतुर्थ खंड) उनकी उदार स्वीकृति से, अत्यंत श्रद्धा और प्रेम-पूर्वक, मिश्रबंधुओं द्वारा, सादर समर्पित है। 1 गोलागंज, लखनऊ 7 गणेशविहारी मिश्र वैशाख शु०७, संवत् ११११/ श्यामविहारी मिश्र (रावराजा,रायबहादुर) २० मई, १९३४ ईस्वी शुकदेवविहारी मिश्र (रायबहादुर)