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मिश्रबंधु

प्राचीन कविगण विवरण-श्राप चारण थे। कहा जाता है, जब अहमदनगर के कुमार श्रीतहतसिंहजी जोधपुर की गद्दी पर आरूढ़ हुए, तब यह भी उनके साथ जोधपुर गए थे । 'यशवंत-चंद्रिका'-ग्रंथ आपने वस्तसिंहजी के पुत्र जसवंतसिंहजी के नाम से रचा । नाम-(१९६४) लक्ष्मीधरजी श्रोत्रिय वैद्य ग्राम करहल, जिला मैनपुरी। समय-१९५० के लगभग । ग्रंथ-(१) आरोग्यता-पद्धति प्रथम भाग, (२) पद्मावत (एक खंड) की भाषा-टीका । विवरण-श्राप चतुर्वेदी ब्राह्मण करहल के प्रसिद्ध वैद्य थे। आपने वैद्यक पर बहुत-सी पुस्तकें लिखीं, किंतु वे अप्रकाशित हैं । इस समय इनके पुत्र पं० जयकृष्ण श्रोत्रिय इसी स्थान पर वैद्यक कर रहे हैं। नाम---(१०६१) विश्वंभरदास । ग्रंथ-(१) भागवत के स्कंध १०-११-१२, (२) भागवत- माहाल्य। रचना-काल-सं०. १८५१ । नाम-(१९६१)हरीशंकर । नाणेश-माहात्म्य । सं० १९५५ । नाम-(१०) चेतराम, कोटरा (चेतवा नदी के तीर पर)। ग्रंथ-ग्रहाद-चरित्र । फुटकर छंद । रचना-काल-सं० १८५२ । अथ- रचना-काल