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मिश्रबंधु

प्राचीन कविगण १२७ दोहे हैं, जिनमें नायिकाभेद के लक्षण तथा उदाहरण दिए . 1 नाम-(१९३८) दुल्लभ आमोद ग्राम, गुजरात । रचना-काल-सं० १८१७ । ग्रंथ-बुद्धि-प्रकाश। बार भौम पख अष्टमी उज्ज्वल भादौं मास ; प्रहारह सत्तावने, कीनो बुद्धि प्रकास । विवरण-श्राप जाति के चारण थे, और उक्त ग्रंथ प्रापने गोडल के यदुवंशी जाड़ेजा ठाकुर श्रीदेवाजी के लिये बनाया । ग्रंथ में पाठ अध्याय हैं। नाम-(१९५२) हरिकृष्ण ! ग्रंथ-(१) रामचंद्रजी का शिख-नख, .) स्फुट। रचना-काल-सं० १८५८ । विवरण-वर्णन-शैली अच्छी है । नाम-(१११२ ) नेमा मालिन गाँव, मालवा। रचना-काल-सं० १८५६ । ग्रंथ-ऊषा-हरण । विवरण--आप मनोहरदास के पुत्र तथा भागवतलार-यथ के कर्ता दासजी के शिष्य थे। (श्रीयुत भालेरावजी द्वारा ज्ञात ) नाम-(१९१२) भूपतिराम । ग्रंथ-(१) अष्टावक्र का छंदोबद्ध अनुवाद, (२) गणेशजी की कथा। रचना-काल-सं० १८५६ । नाम-(१९५३) अखेराज । ग्रंथ-कल्याण-मंदिर-स्तवन । रचना-काल-सं० १८६० ।