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मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद सं० निर्वान : ग्रंथ-धर्म-परीक्षा। रचना-काल ०१८६६। विवरण-ग्रंथ का विषय धार्मिक है। नाम-(११६६ ) ऐनानंद कवि, ग्वालियर। अंध-कुंडलियात्मक गीता। रचना-काल-सं० १९७० । विवरण-श्राप मुसलमान फ़क़ीर थे । महाराजा दौलतराव सिंधिया के समय में श्रापका होना पाया जाता है। अभी तक आपकी समाधि ग्वालियर-किले पर विद्यमान है । भाषा पर आपका अच्छा अधिकार था। उदाहरण- ऐनानंद फकीर हैं, परमहंस डाढ़ी-मूंछ मुंडावतें, भसम करें असनान । भसम करें असनान, रखें पीतांबर सारा; जानहिं एकहि ब्रह, तुरक हिंदू नहि न्यारा । भिक्षुक दोऊ दीन के, ऐन एक ही जान; ऐनानंद फकीर हैं, परमहंस निर्वान । नाम-( १२०३ ) नेमिदत्त, ग्वालियर । ग्रंथ-नेमिपुराण । जैन रचना है। रचना-काल-सं. १८७०। नाम--( १२३३ ) प्रभाकर, महाराष्ट्र-प्रांत । ग्रंथ-स्फुट । कविता-काल-सं० १८७०। विवरण- यह 'अंतिम पेशवा बाजीराव के समकालीन थे । इन्होंने शृंगार-रस-पूर्ण लावनियाँ और वीर-रस-पूर्ण पबाँड़े लिखे हैं।