पृष्ठ:मुद्राराक्षस.djvu/६९

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. नाटक के पात्रगण पुरुष--पात्र चद्रगुप्त-दन्तिपुत्र के नए राज', वृषल तथा मौर्य द्वारा संबोधित और नाटक के नायक। चाणक्य-विष्णुगुप्त नामक गमनीतिज्ञ ब्राह्मण और राक्षस के मिलाए जाने तक चद्रगुप्त के मत्री। मायकेतु-पर्वतक का पुत्र और नाटक का प्रतिनायक। राक्षस-नंद का ब्राह्मण-मंत्रो जो चंद्रगुप्त के विरुद्ध षड्यंत्र करता रहा पर अंत में चाणक्य द्वारा उनका मंत्री बनाया गया। भागुरायण-मजयकेतु का मित्र पर चाणक्य का गुप्त भेदिया। निपुणक, श्रीवसिद्धि, सिद्धार्थक, समिद्धार्थक-चाणक्य के भेदिये। शारंगरव-चाणक्य का शिष्य । चंदनदान, शकटदास-राक्षस के मित्र । विगधगुप्त, करमक-राक्षस के भेदिये। प्रियंवदक-राक्षस का सेवक। भासुरक--भागुरायण का सेवक बैहीनर-चंद्रगुप्त का कंचुकी। जाजहि-मलयतु का कंचुकी। स्त्री-पात्र शोलोतरा-चंद्रगुप्त की प्रतीहारी। विजया-मलयकेतु की प्रतीहारी। अन्य-पात्र सूत्रधार, नटी, द्वारपाल, चंदनदास की स्त्री तथा पुत्र, वंदीजन आदि।