पृष्ठ:मुद्राराक्षस नाटक.djvu/१७७

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मुद्रा राक्षस

पटना पर अधिकार करके दूसरे बरस बकसर की प्रसिद्ध लड़ाई जीत कर स्वतन्त्र रूप से सिंहचिन्ह की ध्वजा की छाया के नीचे इस देश के प्रान्त मात्र को हिन्दोस्तान के मानचित्र में लाल रंग से स्थापित कर दिया।

जस्टिन ( Justin ) कहता है― १) सन्द्रकुत्तस महा परा- क्रमी था। असंख्य सैन्य संग्रह करके विरोधी लोगों का इसने सामना किया था। डियोडारस सिक्यूलस ( Deodorus Si- culu's ) कहता है― (२) प्राच्यदेश के राजा चन्द्रमा के पास २०००० अश्व २०००० पदाती २००० रथ और ४०००० हाथी थे यद्यपि यह xandramas शब्द चन्द्रमा का अपभ्रंश है, किंतु कई भ्रांत यूनानियों ने नन्द को भी इसी नाम से लिखा है। क्किन्तस (Quintus Curtius ) लिखता है―(३) चन्द्रमा के क्षौरकार पिता पहले मगधराज को फिर उसके पुत्रों को नाश करके रानी के गर्भ से अपने उत्पन्न किये हुए पुत्र को गद्दी पर बैठाया। स्ट्राबो ( Strabo ) कहता है―(४) सेल्यूकस के मेगा- स्थनिस को सन्द्रकुत्तस के निकट भेजा और अपना भारतवर्षीय समस्त राज्य देकर उससे सन्धि करली। ओरियन ( Orriun ) लिखता है―(५) मेगास्थनिस अनेक बार सन्द्रकुत्तस की सभा में गया था। प्लूटर्क ( Plutaroh ) ने (६) चन्द्रगुप्त को दो लक्ष सेना का नायक लिखा है। इन सब लेखों को पौराणिक


(1) Justin His Phellipp Lib. xv Chap. IV.

( 2 ) Deodorus Siculus XVII. 93.

(3) Quintus Curtius IX. 2.

(4) Strabo XV.2 9.

(5) Orriun Indica X. 5.

(6) Plutarch Vita Alexandri 0. 62.