पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/१०९

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खानो को भरनेके लिये उन्हें बड़ी कठिनाई हुई और उन्हें इसमें बहुत कम सफलता हुई ।

प्रयागमें पुरी हड़ताल

पक्षपातयुक्त संवाद एजन्सियां,यहां के सभी श्रेणियों के भारतीयों का उत्सव सम्बन्धी कार्यों से अलग रहने का हृढ़ संकल्प न छिा सकीं। प्रयागमें तो उनका यह कार्य पूर्णत:असम्भव हो गया, क्योंकि राजकुमार के आगमन के कुछ ही काल पूर्व यहाँ के प्रतिष्ठित नागरिकों को गिरफ्तारी से आत्मसम्मान में आधात पहुंचने के कारण सारा शहर क्षब्ध हो उठा था। कहा जाता है कि यह कार्य दवाव डालकर तथा भय दिखलाकर कराया गया था। इस सम्बन्ध में लन्दन के 'टाइम्स' पत्र द्वारा एक लेखक ने जो यह प्रश्न पूछा था कि "अनेकानेक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद दबाव डालने और भय दिखलाने के लिये रह ही कौन गया था ?" उसका उत्तर नहीं दिया गया। क्या यह सम्भव है कि संसार में सबसे अधिक दृढ़तासंकल्प और शक्तिशालिनी जाति' के प्रतिनिधियों के कड़े प्रयत्न पर भी, ओर से छोग्तक सारा देश केवल मुट्ठी भर ऐसे व्यक्तियों के भयप्रदर्शन ओर दवाव से एक ही लहर के अधीन हो गया जो लार्ड रेडिङ्ग के शब्दों में ‘देश के वास्तविक भावों के परिचायक नहीं हैं" और जिसमें से अधिकांश जेलों में बन्दकर दिये गये थे ? यदि है तो, यह संसार की सबसे अधिक दृढ़संकल्पवाली