पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/११०

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जाति जितनी शीघ्र अपने वर्तमान प्रतिनिधियों को हटाकर अपना सुनाम इन मुट्ठीभर लोगों की हिफाजत में छोड़ दे उतनी ही अधिक दोनों के भविष्य सुख और समृद्धि की वृद्धि होगी।

यवराजके मनमें भारत दर्शनकी सुखद स्मृति

राजकुमार भारत में आये और चले गये। यह प्रसन्नता की बात है कि लौटने पर भी भारत दर्शन की सुखद स्मृत्ति उनके मन में बनी रही। उन घटनाओं की दुखद स्म त्तिका उल्लेख करने का अप्रिय कार्य अनिवार्य हा गया था जो युवराज की यात्रा के समय उन लोगों की कार्रवाई से उत्पन्न हुई थी जिन्होंने देश की अशान्त परिस्थिति में इस यात्रा का प्रबन्ध किया था और जिन्होंने असन्तोषसूचक नरंग के दबाने की असफल चेष्टा की थी। यहां पर कांग्रेस द्वारा कई बार दिलाये गये विश्वास को फिर दोहरा देना चाहते हैं कि राजकुमार या राजपरिवार के प्रति भारत के हृदय में किसी प्रकार की बुराई या अनादर का भाव नहीं है।

अहमदाबाद में राष्ट्रीय सभाका सम्मेलन।

पीछे कही गयी बातों पर विचार करने से प्रगट होगा कि अमहदाबाद में राष्ट्रीय सभाका महा अधिवेशन होने के पहले ही अमहयोग आन्दोलन की पहली सीढ़ो समाप्त की जा चुकी थी। राष्ट्रीय सभा के इस प्रसिद्ध अधिवेशन में स्वीकृत किये गये प्रधान प्रस्ताव में उस परिस्थिति का संक्षिप्त आलोकन किया गया जो उस समय देश के सामने उपस्थित थी। वाइसराय के दिल्लो तथा