पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/११३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(१०६)

हुल्लड़ शाही की पुनरावृत्ति होने की कोई संभावना न रह जाय। "गिरफ्तार किये जाने एवं कैद होने की इच्छा से ही" किये जाने वाले सब कार्य तथा सारे खयंसेवकों के जुलूसों का निकलना और ऐसी सार्वजनिक सभाओं का होना,जो केवल इनके निषेधार्थ निकाली गयी सरकारी सूचनाओं की अवहेलना के उद्देश्य से की जाती हों, अन्य आदेश दिये जान तक बन्द कर दिया गया, और एक नया रचनात्मक कार्य क्रम उपस्थित किया गया।

बारडोली तथा दिल्ली का प्रस्ताव

जैसा कि दिल्ली मे किये गये सवेभारतीय समिति के २४ और २५ फरवरी वाले अधिवेशन में महात्मा गांधी ने समझाया था, कि यह बिलकुल सत्य है कि इस प्रस्तावका अभिप्राय नागपुर के असहयोग प्रस्ताव से किसी प्रकार हटने का न था। फिर भी इसमें मन्देह नहीं कि अहमदाबाद में जो सिद्धान्त और कार्य-प्रणाली निश्चित की गयी थी उसके सर्वथा बदल दिये जाने से समुत्सुक जनता को बड़ी निराशा हुई। यद्यपि जनता की उत्कण्ठा का ख्याल कर गर्वभारतीय कांग्रेस कमेटी ने प्रान्तीय कमेटियों को इस शर्त पर व्यक्तिगत मविनय अवज्ञा करने की स्वीकृति देने का अधिकार दिया कि राष्ट्रीय सभा, सर्वभारतीय .कांग्रेस कमेटी तथा कार्य समिति द्वारा जिन जिनशों का पूरा किया जाना आवश्यक बताया गया था उनका भलोभांति पालन किया गया,तोमो विधायक कार्यक्रम को