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सत्याग्रह आंदोलन

उन्होंने मेरे कन्धे पर हाथ रखकर कहा कि मि० गान्धी मै आपको गिरफ्तार कर रहा हूं। इतना कहकर उन्होंने अपने आदमियोंसे गाड़ीसे मेरा असवाब फौरन उतार लेनेके लिये कहा। यह सब हो गया। मै कुछ पुलिस कांस्टेबिलोकी निगरानीमें रख दिया गया। जितनी कार्रवाईयां हुई, उनसे व्यक्त था कि सिवा गिरफ्तारीके और कोई बात नहीं थी। यहां तक कि थूकनेके लिये मैं एक बार उठकर प्लेटफार्मकी तरफ से लाइनका तरफ बढ़ने लगा तो एक पुलिस कर्मचारीने मुझे जानेसे रोक दिया। इससे मेरा तात्पर्य यह नहीं है कि उस कर्मचारीने कोई अनुचित काम किया, क्योंकि मैं गिर- फ्तार था और मुझे अपने मनसे कही जानेसे रोक कर वह अपने कर्तव्यका पालन ही कर रहा था।

इसके बाद महात्माजीने बयान किया कि जिस अफसरने मुझे गिरफ्तार किया था उसे यहां तक पता नहीं था कि मुझे किस गाड़ीसे. किस मार्गसे, किस प्रकार, कहां ले जाना होगा। जब मै सवाई माधोपुर लाया गया और पञ्जाब मेलमें बैठाया गया तब मि० वाउरिङ्गने एक दूसरे अफमग्स राय मिलाकर मुझसे कहा कि आप यहाँसे बम्बई ले जाये जायेंगे और वहां छोड़ दिये जायंगे।

प्रश्न-जो नोटिस आपपर तामील की गई थी उसमें यही लिखा था कि आप दिल्ली या पञ्जाबमे घुसनेसे रोके जाते है ? और उस नोटिसका यही अभिप्राय था,