पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/१९९

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सत्याग्रह आंदोलन


एक महती सभा करू । पर मुझसे कहा गया कि उस दिन सभा करना असम्भव है क्योंकि कर्नल फेजरने मनाहीकी सूचना निकाल दी है। सभा करनेके लिये अधिकारीवर्ग मेरी हरतरहसे सहायता करनेको तैयार थे पर उनका कहना था कि आज लोगों तक सूचना नहीं पहुँचायी जा सकेगी। इस लिये १४ अप्रेलको सभा हुई। उस सभामे मैंने मारी घटना. का उल्लेख करके जनताकी निर्भत्स्ना की। कुछ लोगोंका कहना है कि मैंने उसो प्रसङ्गमें कहा था कि जिस तरहका आचरण आपलोगोंने किया है उससे आशंका हो सकती है कि इसके लिये आपने पहलेसे तैयारी किया था, आपका यह आचरण सुसँगठित और जानकारीमें हुआ है। बादमे यही शब्द मेरे और उन लोगोंके विरुद्ध अनेक वार प्रयोग किये गये । मैने गुजराती भाषामें व्याख्यान दिया था। वास्तवमें उन शब्दोंका क्या अभिप्राय था और गुजराती भाषामें उनका क्या अर्थ हो सकता है इसका पता उन शब्दोके प्रयोगसे तथा उस प्रसङ्गसे जाना जा सकता है। मेरा अभिप्राय केवल "साक्षरलोगोसे" था और मैं मिस्टर चिम्मनलाल सितलवाडसे प्रार्थना करूगा कि वे उस भाषणको पढ़कर निश्चय कर लें कि उन शब्दोका वास्तवमें क्या तात्पर्य है।


मेरा यह अभिप्राय नहीं था कि जनताकी कार्यवाही पूरी तरहसे सुसङ्गठित थी। इस प्रसङ्गमें भी मै यही प्रार्थना करू'गा कि मेरा भाषण पढ़कर उन शब्दोंका शब्दार्थ और प्रासङ्गिक अर्थ