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सत्याग्रह आंदोलन

मेरा बिचार वहां जाकर सरकारी कर्मचारियोंकी सहायता करनेका था।

मिस्टर रैंकिनने महात्मा गांधीसे इस सम्बन्धमें लिखित कागज पत्र मांगा जिससे यह व्यक्त होता हो कि महात्माजीकी यात्राका क्या उद्देश्य था।

प्रश्न-मिस्टर गांधी. १४ अप्रेलको भाषण देते हुए आपने कहा था कि उपद्रवियोंकी कार्रिवाईसे मैं लाचार हो गया नहीं तो मेरा इरादा एक बार फिर दिल्लीकी ओर जाने और अपनेको गिरफ्तार करनेका था ? मैं समझता हूं कि आपका यह कथन केवल प्रासंगिक नही था ?

उत्तर-नही, मैंने पुनः दिल्ली जानका दृढ़ कर लिया था। प्रश्न-गिरफ्तार होनेकी आपकी क्यों मंशा थी ? उत्तर--मैं तबतक गिरफ्तार होना चाहता था जबतक इस प्रकारके अनुचित कानून उठा न दिये जाये।

प्रश्न-जहाँतक मैं समझ सका हूं सच्चे सत्याग्रहीका यह अभिप्राय न होना चाहिये।

उत्तर-ऐसी बातें सत्याग्रही सदा नहीं करता। आत्म- पीड़ाके हेतु मैंने ऐसा करनेका इरादा किया था।

प्रश्न--क्या आप समझते थे कि आपकी इस प्रकारकी गिरफ्तारीसे देशमें उत्तेजना फैलेगी और सरकार लाचार होकर उन कानूनों (रौलट ऐकृ) को उठा देगी।