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सत्याग्रह आंदोलन


श्रद्धा थी उसपर भीषण आघात करने और उसका मटियामेट करनेकी चेष्टा की थी।

उत्तर-इसे मैं सहर्ष स्वीकार करता हूँ। कुछ आदमियों के हृदयो में इस तरहके भाव तो हमने अवश्य भरे है।

प्रश्न-क्या इस बातको आप मानते हैं कि कितने ही प्रान्तोंमें-विशेषकर पंजाबमें-आपके सिद्धान्तोंके उलटे अर्थ लगाये जानेकी सम्भावना थी ?

उत्तर-नही, कुछ लोग ऐसे थे जो इसका गलत माने समक्ष सकते थे। पर पंजाबके लिये तो आपकी आशंका सर्वथा निर्मूल है। मैंने अच्छी तरह जांजकर देखा है कि पंजावके लोग सत्याग्रह व्रतकी मीमांसाको सबसे अधिक समझ सके हैं और पंजाबमे जहां कहीं मैं गया, मैंने देखा कि लोगोंकों इस दुर्घटनाका हार्दिक दुःख है।

प्रश्न-आपने अपने बयानमें कहा है कि किन कानूनोंको भङ्ग करना चाहिये, इसका निर्णय करनेके लिये जो कमेटी बनाई गई थी उसका अभिप्राय केवल नियन्त्रण था। तो क्या आप प्रत्येक प्रान्त के लिये ऐसा भिन्न भिन्न कमेटियां बनाना चाहते थे?

उत्तर-हां, प्रत्येक प्रान्तके लिये अलग अलग कमेटियां बनानेका निश्चय था। पर सर्वत्रके सिद्धान्तोंमें समता रखनेके लिये प्रत्येक प्रान्तकी कमेटियोंका मैं ही अध्यक्ष बनाया गया था।